इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को पता है कि ईरान ने हथियार-ग्रेड यूरेनियम को कहाँ छिपा रखा है। अगर ईरान इसका उपयोग करने की कोशिश करता है, तो इजराइल इसमें हस्तक्षेप कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ईरान से हाई ग्रेड यूरेनियम के ठिकानों का खुलासा करने का आग्रह कर रहा है। IAEA के अनुसार, जून में इजराइल और अमेरिका के हमलों से पहले, ईरान के पास 60% तक संवर्धित 440.9 किलोग्राम यूरेनियम था, जो हथियार-ग्रेड के करीब था। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने 11 सितंबर को स्वीकार किया कि इजराइल और अमेरिका के हमलों के बाद ईरान का हाई ग्रेड यूरेनियम मलबे के नीचे दबा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ईरान अपनी क्षतिग्रस्त परमाणु सुविधाओं का पुनर्निर्माण शुरू करता है, तो उसे परमाणु हथियार बनाने में लगभग 2 साल लगेंगे। जेरूसलम पोस्ट ने यह भी बताया कि जून में तेहरान में इजरायली हमलों के दौरान दर्जनों महिला मोसाद एजेंटों को ईरान भेजा गया था।
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