गुमला – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्तिक जतरा के अवसर पर गुमला पहुंचकर आदिवासी समाज के विकास में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति और विरासत का संरक्षण करते हुए आधुनिक शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाना सभी के लिए आवश्यक है।
रायडीह ब्लॉक में आयोजित इस महत्वपूर्ण अंतर-राज्यीय सामाजिक-सांस्कृतिक उत्सव में राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ही समावेशी विकास की कुंजी है। इसके बिना राज्य और समाज का समग्र विकास संभव नहीं है।
उन्होंने महान आदिवासी नेता कार्तिक उरांव को याद करते हुए कहा कि वे समाज सुधार के अग्रदूत थे। विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद, उन्होंने अपना जीवन अपने लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि कार्तिक उरांव का गुमला में विश्वविद्यालय खोलने का सपना अब पूरा होने वाला है।
राष्ट्रपति ने झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के संगम क्षेत्र की समृद्ध प्राकृतिक संपदा और प्राचीन परंपराओं की सराहना की। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा और जतरा टाना भगत जैसे आदिवासी नायकों को नमन किया, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने 1971 के युद्ध के वीर सपूत शहीद अल्बर्ट एक्का को भी श्रद्धांजलि दी, जिनके शौर्य ने देश को गौरवान्वित किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने आदिवासी कला और संस्कृति की जीवंतता को रेखांकित करते हुए बताया कि कई आदिवासी कलाकारों को पद्म श्री जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जो उनकी कला की राष्ट्रीय स्वीकृति का प्रमाण है।
कार्यक्रम में झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के वरिष्ठ नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे। उत्सव के दौरान आदिवासी कलाकारों ने विभिन्न राज्यों से आकर अपने मनमोहक प्रदर्शन से समां बांधा।
