गिरिडीह पुलिस ने साइबर ठगी के जरिए करोड़ों की संपत्ति जमा करने वाले तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। गिरफ्तार होने वालों में खुर्शीद अंसारी, आलमगीर अंसारी और मो. शराफत अंसारी शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से 8 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड, दो बाइक, दो एटीएम, पैन कार्ड, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किए हैं। गिरिडीह के एसपी डॉ. विमल कुमार ने इस गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए पूरे मामले का खुलासा किया।
एसपी ने बताया कि “प्रतिबिंब पोर्टल” के माध्यम से एक गुप्त सूचना मिली थी कि गांडेय थाना क्षेत्र के तेलखरी जंगल के आसपास कुछ लोग फोन के जरिए साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए, साइबर डीएसपी आबिद खान के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम ने सक्रियता दिखाते हुए तत्काल छापेमारी की और तीनों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, इन अपराधियों ने बताया कि वे गूगल पर अपना फर्जी मोबाइल नंबर डालकर खुद को विभिन्न सर्विस कंपनियों का कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताते थे। इसके अलावा, वे एयरटेल पेमेंट बैंक के अधिकारी बनकर या विभिन्न बैंकों के वॉलेट के लिए फर्जी एपीके लिंक भेजकर लोगों को ठगा करते थे। गिरफ्तार ठग अन्य साइबर अपराधियों को नकली एटीएम और सिम कार्ड भी सप्लाई करते थे।
एसपी डॉ. विमल कुमार ने आगे बताया कि गिरफ्तार तीनों साइबर अपराधियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में पहले से मामले दर्ज हैं। मो. शराफत अंसारी पर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साइबर अपराध का केस है और वह जेल भी जा चुका है। इसके अलावा, उत्तराखंड के रुद्रपुर में भी उसके खिलाफ ऑनलाइन शिकायतें हैं। शराफत अंसारी ने साइबर ठगी से लगभग 60 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति बनाई है, जिसमें एक महिंद्रा एक्सयूवी कार भी है। वहीं, आलमगीर अंसारी ने भी 25 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है।
गिरिडीह पुलिस साइबर अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक जिले को साइबर अपराध मुक्त नहीं बना दिया जाता। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में साइबर डीएसपी आबिद खान, साइबर थाना प्रभारी रामेश्वर भगत, पुलिस निरीक्षक गुंजन कुमार, रामप्रवेश यादव, संजय कुमार मुखियार, अमरनाथ प्रसाद, संदीप कुमार वर्मा और पुलिस बल के अन्य सदस्य शामिल थे।
