झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने देवघर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक मामले में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। एक जरूरतमंद मरीज को पर्याप्त उपचार दिए बिना एम्स देवघर से रांची के रिम्स रेफर कर दिए जाने की घटना के बाद, मंत्री ने संस्थान के प्रबंधन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एम्स देवघर का मुख्य उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, और इसमें किसी भी प्रकार की कोताही या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह घटना तब सामने आई जब मंत्री को एक आदिवासी महिला का फोन आया, जिसने रोते हुए अपने पति की गंभीर हालत बताई और तत्काल मदद की गुहार लगाई। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए तत्काल अपने अन्य कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया और सीधे मरीज के गांव पहुंचे।
गांव में पहुंचकर, डॉ. अंसारी ने व्यक्तिगत रूप से मरीज की जांच की और उसकी चिकित्सीय स्थिति का जायजा लिया। यह पता चला कि मरीज एक अत्यंत गरीब परिवार से था और एम्स देवघर द्वारा उसे बिना किसी प्राथमिक उपचार के ही रिम्स, रांची भेज दिया गया था। परिजनों ने एम्स देवघर में समुचित इलाज न मिलने की शिकायत की।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स देवघर के प्रबंधन पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “गरीब और आदिवासी समुदाय के लोग एम्स से बहुत उम्मीदें लेकर आते हैं। यदि उन्हें यहां भी निराशा ही मिलेगी, तो संस्थानों का क्या औचित्य रह जाता है?” उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि ऐसे मामलों में मरीजों को बार-बार रेफर करना अत्यंत गंभीर है। यदि अस्पताल में संसाधन या विशेषज्ञता की कमी है, तो इसकी जानकारी सार्वजनिक रूप से दी जानी चाहिए।
डॉ. इरफान अंसारी ने आगे कहा कि वे स्वयं एम्स देवघर जाकर प्रबंधन से सीधे बात करेंगे और इस मामले में जवाबदेही तय करेंगे। उन्होंने फौरन मरीज के लिए बेहतर एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई और उसे रांची के लिए रवाना किया। मरीज के परिवार को आर्थिक सहायता भी दी गई ताकि इलाज के दौरान उन्हें किसी भी तरह की वित्तीय कठिनाई का सामना न करना पड़े। रांची में मरीज के इलाज के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर दी गई हैं।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य मंत्री के त्वरित और संवेदनशील रवैये के लिए उनका आभार व्यक्त किया। मंत्री ने कहा कि उनका यह कदम कोई उपकार नहीं, बल्कि उनका कर्तव्य था। उन्होंने पुनः दोहराया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
