झारखंड कैबिनेट द्वारा 23 दिसंबर को पेसा नियमावली पारित किए जाने की खबर से गिरिडीह में शुक्रवार को उत्सव की लहर दौड़ गई। स्थानीय झामुमो कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए एक आभार यात्रा निकाली। पार्टी जिला कार्यालय में खुशी का इजहार मिष्ठान वितरण के साथ हुआ, जिसके बाद ढोल की थाप, नारों और झंडों के साथ यह यात्रा टावर चौक तक पहुंची।
जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि पेसा नियमावली का पारित होना अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी स्वशासन की एक पुरानी मांग का पूरा होना है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के गठन के 25 साल बाद यह जन-आकांक्षा साकार हुई है। अब पेसा कानून के लागू होने से ग्राम सभाओं को विशेष अधिकार प्राप्त होंगे, जिससे वे अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं के चयन और कार्यान्वयन में निर्णायक भूमिका निभा सकेंगी।
जिला सचिव महालाल सोरेन ने इस नियमावली को जल, जंगल और जमीन के पारंपरिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। वहीं, नुनूराम किस्कू उर्फ टाइगर और जिला प्रवक्ता कृष्ण मुरारी शर्मा ने इसे गांवों को सशक्त बनाने और राज्य के विकास के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में झामुमो के कार्यकर्ता और आसपास के गांवों के निवासी उपस्थित थे।
