झारखंड की राजधानी रांची की जेल में कैदियों द्वारा डांस पार्टी आयोजित किए जाने की खबर ने प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है। इस गंभीर मामले को झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया है और जेल अधीक्षक समेत अन्य संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
जेल के भीतर कैदियों द्वारा डांस करने का यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिससे जेल प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जेलों का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को दंड देना और उन्हें सुधारना होता है, लेकिन इस तरह की तस्वीरें दिखाती हैं कि वहां नियमों का पालन किस हद तक हो रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है और जेल के अंदरूनी सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है।
सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट ने कहा कि जेल के अंदर इस तरह के आयोजनों का होना गंभीर अनुशासनहीनता का प्रतीक है। न्यायालय ने जेल अधिकारियों से पूछा है कि इस कृत्य के लिए कौन जिम्मेदार है और क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि जेल के अंदर मोबाइल फोन के इस्तेमाल और इस तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
इस मामले में हाईकोर्ट की सख्ती यह दर्शाती है कि जेल प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा। कैदियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखना और नियमों का सख्ती से पालन करवाना जेल अधिकारियों का कर्तव्य है। इस घटना से सबक लेते हुए, जेल प्रबंधन को अपनी सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
