नई दिल्ली: ग्रामीण विकास मंत्रालय की सचिव, शिल्पी तिर्की ने कृषि से जुड़ी योजनाओं की प्रभावशीलता पर एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी सरकारी योजना की असली परीक्षा किसानों की आय में देखी जानी चाहिए। यदि किसान इससे आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं हो रहे हैं, तो योजना अपने उद्देश्य में विफल मानी जाएगी।
शिल्पी तिर्की ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार का मुख्य लक्ष्य किसानों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। कृषि में निवेश और विभिन्न सहायता कार्यक्रमों का अंतिम परिणाम किसानों की आय में बढ़ोतरी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जमीनी हकीकत पर ध्यान देना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि योजनाओं का लाभ उन किसानों तक पहुंचे जो सबसे ज्यादा जरूरतमंद हैं।
मंत्रालय की सचिव ने कहा कि आय वृद्धि केवल उत्पादन बढ़ाने से नहीं आती, बल्कि इसमें लागत प्रबंधन, बाजार की पहुंच, मूल्य स्थिरीकरण और वैकल्पिक आय स्रोतों का विकास भी शामिल है। इन सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके ही किसानों की आय में वास्तविक और स्थायी वृद्धि संभव है। वह चाहती हैं कि योजनाएं अधिक परिणाम-उन्मुख हों।
तिर्की ने यह भी स्पष्ट किया कि योजनाओं की सफलता का आकलन केवल रिपोर्टों के आधार पर नहीं, बल्कि किसानों के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के प्रत्यक्ष प्रमाणों के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे नियमित रूप से योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि किसानों की आय में अपेक्षित वृद्धि प्राप्त हो रही है। यही सभी पहलों का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
