झारखंड सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की तैयारी में है। अब प्रदेश में हेल्थ कॉटेज का निर्माण 40% से 60% तक के सरकारी अनुदान पर किया जाएगा। इस नई स्वास्थ्य नीति का उद्देश्य राज्यभर में, खासकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाना है। इस पहल से स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और नागरिकों की पहुँच को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह योजना उन इलाकों को प्राथमिकता देगी जहाँ डॉक्टरों और चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी है। 40-60% आनुपातिक खर्च का ढांचा यह सुनिश्चित करेगा कि निर्माण कार्य सुचारू रूप से हो सके, भले ही स्थानीय स्तर पर संसाधनों की सीमाएँ हों। इससे यह भी उम्मीद की जा रही है कि स्थानीय सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और कॉटेज का संचालन अधिक प्रभावी ढंग से होगा।
इन हेल्थ कॉटेज में प्राथमिक स्वास्थ्य जांच, आवश्यक दवाएं, और सामान्य बीमारियों के उपचार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह महत्वपूर्ण है कि यह योजना दूरदराज के लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित हो, खासकर आपातकालीन स्थितियों में। सरकार का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवाओं को विकेंद्रीकृत करना और यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल मिले।
