हजारीबाग में ग्रामीण विकास की दिशा में चल रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति को लेकर उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। समाहरणालय में आयोजित इस समीक्षा बैठक में मनरेगा, पीएम आवास, अम्बेडकर आवास, अबुआ आवास, बिरसा कूप, डोभा निर्माण, आंगनबाड़ी, बिरसा हरित ग्राम, बागवानी, पीडी जनरेशन, जियो टैगिंग, जनमन, पंचायती राज, एबीपीएस, जेएसएलपीएस (एसएचजी गठन, ऋण, मुद्रा लोन, पशुधन, उत्पादक समूह, डीडीयू-जीकेवाई, पीएमएफएमई) जैसी प्रमुख योजनाओं की बारीकी से समीक्षा की गई।
उपायुक्त ने पीडी जनरेशन की प्रगति बढ़ाने पर जोर दिया और सभी बीडीओ व बीपीओ को गरीब परिवारों की पहचान कर उन्हें मनरेगा के तहत रोज़गार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। लंबित और पुरानी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। उन्होंने पशुधन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पशुपालन विभाग से समन्वय स्थापित करने और ज़रूरतमंदों का डेटा इकट्ठा करने हेतु क्षेत्रीय सर्वे कराने के आदेश दिए। विशेष रूप से, पीवीटीजी (विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह) परिवारों के लिए मनरेगा के तहत शौचालय निर्माण को हरी झंडी दी गई।
पोषण वाटिकाओं के उचित रखरखाव के साथ-साथ, ‘सरकार आपके द्वार’ पहल के तहत प्राप्त जॉब कार्ड आवेदनों के त्वरित निष्पादन के निर्देश दिए गए। जिन लोगों के पास जॉब कार्ड नहीं हैं, उनके लिए सर्वे कर कार्ड बनाने की प्रक्रिया तेज करने को कहा गया। पोटो हो खेल विकास योजना के तहत अटकी हुई परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। उपायुक्त ने सभी बीडीओ को अपने-अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने और वहां के भौतिक डेटा का ऑनलाइन डेटा से मिलान करने का आदेश दिया। जेएसएलपीएस योजनाओं की समीक्षा के दौरान, बैंकों से संबंधित बाधाओं की रिपोर्ट प्रस्तुत करने और स्वयं सहायता समूहों के बीमा संबंधी समस्याओं के समाधान पर विशेष ज़ोर दिया गया।
बैठक में पीएम आवास योजना के तहत आधार सत्यापन, पीडी जनरेशन, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, सामग्री आपूर्ति, पुरानी परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति और पंचायती राज संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए। इस महत्वपूर्ण बैठक में उप विकास आयुक्त, प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी, पंचायती राज पदाधिकारी, सभी बीडीओ, बीपीओ, बीपीएम, विभिन्न योजनाओं के समन्वयक और अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल थे।
