सुप्रीम कोर्ट ने साहिबगंज जिले में हुए अवैध पत्थर उत्खनन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच जारी रखने के उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने झारखंड सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया, जिससे राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने साफ किया कि सीबीआई जांच की अनुमति देना पूरी तरह से कानूनी और न्यायसंगत था।
इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने इसे हेमंत सरकार के कार्यकाल के लिए “ताबूत में आखिरी कील” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 1500 करोड़ रुपये के इस कथित अवैध खनन घोटाले की निष्पक्ष जांच को बाधित करने का भरपूर प्रयास किया। मरांडी ने मुख्यमंत्री सोरेन पर पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव और सुभाष मंडल जैसे अपने समर्थकों को बचाने के लिए साजिश रचने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने आगे कहा कि जांच को रोकने के लिए याचिकाकर्ताओं को धमकाने और दबाव बनाने की कोशिशें हुईं, लेकिन न्यायपालिका के हस्तक्षेप से ये प्रयास विफल रहे। सुप्रीम कोर्ट ने न केवल सीबीआई जांच को जारी रखने का निर्देश दिया, बल्कि इस मामले में सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
मरांडी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूती देगा और जनता के मनोबल को बढ़ाएगा। यह निर्णय हेमंत सरकार के कार्यकाल में कथित अनियमितताओं को उजागर करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
