पलामू जिले में चल रही सड़क निर्माण परियोजनाओं और कोल माइंस के संचालन से संबंधित विकास कार्यों की समीक्षा के लिए उपायुक्त समीरा एस ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। समाहरणालय सभागार में आयोजित इस बैठक में एनएच 75, फोरलेन निर्माण, आर.ओ.आर, आर.ओ.बी और अन्य सरकारी सड़क परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति का विस्तृत मूल्यांकन किया गया। उपायुक्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और किसानों को मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा की।
बैठक में भू-अर्जन से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई, जिनमें सड़क निर्माण वाले अंचलों के अवार्डी संख्या, जारी किए गए एलपीसी (Land Possession Certificate), लंबित एलपीसी और पूर्ण किए गए मुआवजा भुगतान शामिल थे। उपायुक्त ने एल.ए कोर्ट में लंबित मामलों पर शीघ्र और नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि संबंधित अंचल अधिकारी (सीओ) और भू-अर्जन पदाधिकारी आपस में समन्वय स्थापित करें और भूमि रैयतों की हर शिकायत को गंभीरता से लें। यह भी पाया गया कि कुछ परियोजनाएं संबंधित एजेंसी के ढीले रवैये के कारण रुकी हुई हैं, जिस पर उपायुक्त ने एजेंसी को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने और कागजी कार्यवाही को मजबूत करने की हिदायत दी।
भू-अर्जन बैठक के बाद, डीसी समीरा एस ने जिले में सक्रिय विभिन्न कोल माइंस के प्रतिनिधियों के साथ एक अलग बैठक की। इस सत्र में, उन्होंने प्रत्येक माइंस प्रतिनिधि से अंचल और जिला स्तर पर उनके लंबित मुद्दों (ग्रीवांसेज) के बारे में जानकारी प्राप्त की। उपायुक्त ने तत्काल कार्रवाई करते हुए, माइंस प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर संबंधित अंचलाधिकारियों के साथ मौके पर ही चर्चा की। त्रिमूला माइंस को आगामी 10 दिनों में अपना लैंड शीड्यूल का लंबित कार्य पूरा करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया, और इसके लिए आवश्यक प्रशासनिक सहयोग सुनिश्चित करने का वादा किया गया। कई माइंस प्रतिनिधियों ने एक्सप्लोसिव के लिए एन.ओ.सी प्राप्त करने में आ रही कठिनाइयों के बारे में डीसी को अवगत कराया।
बैठक में कोयल माइंस के जीएम से जुड़े एन.ओ.सी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। उपायुक्त ने रेखांकित किया कि कोयल माइंस के सुचारू संचालन से पलामू के आर्थिक विकास को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी माइंस प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से एकजुट होकर, एक टीम के तौर पर काम करने का आग्रह किया ताकि विकास की गति बनी रहे। इस अवसर पर अपर समाहर्ता कुंदन कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विजय केरकेट्टा, हुसैनाबाद भूमि सुधार उप समाहर्ता, विभिन्न माइंस के प्रतिनिधि और कई सीओ मौजूद थे।
