गिरिडीह स्थित सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में वार्षिक उत्सव का आयोजन अत्यंत गरिमापूर्ण और उत्साहपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। इस समारोह में विद्यार्थियों, अभिभावकों और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने विद्यालय के गौरव को बढ़ाया। यह वार्षिक उत्सव विद्यालय की शैक्षणिक प्रगति, कलात्मक उपलब्धियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश की, जिसमें विविध नृत्य शैलियाँ, संगीतमय प्रस्तुतियाँ और प्रभावशाली नाट्य मंचन शामिल थे। इन प्रस्तुतियों ने न केवल विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारा, बल्कि उनके अनुशासन और समर्पण को भी प्रदर्शित किया। मुख्य अतिथि ने विद्यालय के इस सफल आयोजन और प्रगतिशील सोच की प्रशंसा की।
विद्यालय के निदेशक, जोरावर सिंह सलूजा ने अपने संबोधन में टीम भावना, अनुशासन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अभिभावकों को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और बताया कि विद्यालय का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहाँ वे वैश्विक नागरिक बनने के लिए आवश्यक कौशल, नेतृत्व क्षमता और नैतिक मूल्यों को विकसित कर सकें।
शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार करते हुए, सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल ने स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए 7 नए कैरियर-उन्मुख पाठ्यक्रम लॉन्च किए हैं। इनमें नर्सिंग के एएनएम और जीएनएम, फार्मेसी में डिप्लोमा, और पैरामेडिकल के तहत ओटी तकनीशियन, डीएमएलटी, एक्स-रे तकनीशियन और ड्रेसर जैसे प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम शामिल हैं। लॉ कॉलेज और बीएससी नर्सिंग की स्थापना भी प्रगति पर है, जिससे 2026 तक शिक्षा के क्षेत्र में और विस्तार की उम्मीद है।
प्राचार्य ममता शर्मा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के अथक प्रयासों की सराहना की, जबकि उप-प्राचार्य सूरज लाला ने विद्यालय समुदाय की एकता को उत्सव की सफलता का श्रेय दिया। विद्यालय को “झारखंड का सर्वश्रेष्ठ उभरता आवासीय विद्यालय” के रूप में सम्मानित किया गया, जो उसकी उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली का प्रमाण है।
भविष्य की योजनाओं में अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, डिजिटल पुस्तकालयों, उन्नत खेल सुविधाओं और STEAM-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना शामिल है। ये पहलें स्कूल को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेंगी। यह वार्षिक उत्सव विद्यालय की वर्तमान उपलब्धियों का उत्सव मनाने के साथ-साथ भविष्य की उज्ज्वल संभावनाओं की ओर भी इशारा करता है।
