झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को उन्नत करने और इसे पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। राज्य भर के 80 ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ में अब विद्यार्थियों को डिजिटल रिपोर्ट कार्ड दिए जाएंगे। यह एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हो रहा है, और सफल होने पर इसे प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में लागू करने की योजना है।
गिरिडीह के सर जेसी बोस स्कूल ऑफ एक्सीलेंस गर्ल्स इस नई पहल का हिस्सा है, जहाँ 5 दिसंबर, शुक्रवार को पहली बार डिजिटल रिपोर्ट कार्ड विद्यार्थियों को सौंपे जाएंगे। स्कूल के प्राचार्य, मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह डिजिटल रिपोर्ट कार्ड विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन का एक व्यापक मूल्यांकन प्रदान करेगा। इसमें सबमिटिव असेसमेंट वन (SA-1) के अंकों का विवरण स्कॉलिस्टिक (मुख्य विषय) और को-स्कॉलिस्टिक (सह-शैक्षणिक गतिविधियाँ) क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड के अंतिम अंकन में मासिक परीक्षा के 40% और SA-1 के 60% अंकों का मिश्रण होगा।
डिजिटल रिपोर्ट कार्ड की प्रस्तुति 5 दिसंबर को स्कूल में आयोजित ‘ओपन हाउस’ कार्यक्रम के दौरान प्रोजेक्टर का उपयोग करके की जाएगी। यह न केवल विद्यार्थियों और अभिभावकों को परिणामों को समझने में मदद करेगा, बल्कि सरकारी शिक्षकों की कार्यप्रणाली के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित करेगा।
सह-शैक्षणिक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व के मूल्यांकन के लिए 10 प्रमुख बिंदुओं पर ग्रेडिंग की गई है। इन बिंदुओं में उपस्थिति, अनुशासन, जागरूकता, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, ललित कला, निर्णय क्षमता, नेतृत्व गुण और रचनात्मकता शामिल हैं। इन ग्रेडिंग्स को ‘A’, ‘B’, ‘C’, ‘D’ जैसे श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा, जो विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास की तस्वीर पेश करेगा। यह उल्लेखनीय है कि इस पूरे डिजिटल कार्य को स्कूल के शिक्षकों ने ही अपने नियमित शिक्षण कार्यों के साथ-साथ पूरा किया है, जिसकी प्राचार्य ने प्रशंसा की है। यह रिपोर्ट कार्ड ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर भी अपलोड किए जा रहे हैं।
