झारखंड के गिरिडीह जिले में ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण और उत्थान को लेकर जिला स्तरीय ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की एक अहम बैठक मंगलवार को उपायुक्त रामनिवास यादव के कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक में समुदाय के सदस्यों को शिक्षा, सरकारी योजनाओं और पहचान पत्र से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने कहा कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को शिक्षित बनाना और उन्हें समाज में समान अवसर प्रदान करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
बैठक के दौरान, ट्रांसजेंडर समुदाय के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल का आकलन करने के लिए एक विस्तृत मैपिंग अभियान शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया। इस मैपिंग में उनकी शैक्षिक योग्यता, रोजगार के अवसर, स्वास्थ्य की स्थिति और जीवन की गुणवत्ता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया जाएगा। प्राप्त आंकड़ों के आधार पर, एक समर्पित समिति बनाई जाएगी जो ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने में सहायता करेगी।
जिला प्रशासन ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पहचान पत्र (आईडी कार्ड) जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का भी निर्णय लिया है। यह पहल उन्हें सरकारी सेवाओं और लाभों तक सुगम पहुंच प्रदान करेगी। उपायुक्त ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि पहचान पत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया में ट्रांसजेंडर समुदाय की गोपनीयता और निजता का पूर्णतः ध्यान रखा जाएगा। साथ ही, उन्हें वोटर आईडी, आधार कार्ड, आभा कार्ड और राशन कार्ड जैसे आवश्यक दस्तावेज भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम के तहत, प्रशासन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों और स्वयं सहायता समूहों के गठन को प्रोत्साहित करेगा। लघु उद्योगों की स्थापना में भी उन्हें सहयोग दिया जाएगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। बैठक में जिला आपूर्ति पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी और ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
