सदर प्रखंड के चियांकी पंचायत सचिवालय में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। इस अनूठी पहल में कन्या उच्च विद्यालय की छात्राओं ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में चियांकी की मुखिया बिनको उरांव, विद्यालय के शिक्षक और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुए।
नाटक के माध्यम से, स्कूली छात्राओं ने समाज में व्याप्त बाल विवाह की कुप्रथा को समाप्त करने का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया। उन्होंने दर्शाया कि कैसे कम उम्र में विवाह बच्चियों के भविष्य को अंधकारमय बना देता है। नाटक के बाद एक रैली निकालकर समुदाय को बाल विवाह के गंभीर परिणामों के प्रति सचेत किया गया।
कार्यक्रम में अभिभावकों को संकल्प दिलाया गया कि वे अपने 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों, चाहे वह लड़के हों या लड़कियां, का विवाह नहीं करेंगे। मुखिया बिनको उरांव ने बाल विवाह को एक ‘सामाजिक कोढ़’ बताते हुए कहा कि यह एक दंडनीय अपराध है। उन्होंने लोगों को समझाया कि कई बार लोग जानकारी के अभाव में जल्दी विवाह कर देते हैं। उन्होंने समुदाय से अपील की कि वे ऐसी किसी भी घटना की सूचना तुरंत मुखिया या पुलिस को दें।
मुखिया ने विशेष रूप से छात्राओं की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया और कहा कि उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने चेताया कि बाल विवाह का लड़कियों के स्वास्थ्य और समग्र विकास पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक सुशिक्षित बेटी ही कल देश और समाज की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। इस आयोजन में वार्ड सदस्य सुमन देवी, श्वेता देवी, ज्योति चरण, श्रद्धा देवी, रविंद्र देव चरण, मुन्ना सिंह और अन्य स्थानीय लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
