झारखंड की प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा ने पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए सारंडा क्षेत्र से नक्सलियों के पूर्ण उन्मूलन का संकल्प लिया है। चाईबासा आगमन पर डीजीपी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जिसमें कोल्हान डीआईजी, उपायुक्त, एसपी और सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन के अधिकारी शामिल थे।
पुलिस कार्यालय में हुई बैठक का मुख्य एजेंडा नक्सल उन्मूलन के मौजूदा हालात और भविष्य की रणनीतियाँ थीं। डीजीपी ने सारंडा के घने जंगलों में छिपे नक्सलियों के ठिकानों, चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन की प्रभावशीलता, सुरक्षा बलों की तैनाती की समीक्षा की और उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने पर भी चर्चा की।
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान अत्यंत कठिन परिस्थितियों में चलाए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर के समन्वित प्रयासों से सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि सारंडा में सक्रिय उग्रवादियों का खात्मा जल्द ही किया जाएगा और इसके लिए पूरी योजना तैयार है।
डीजीपी मिश्रा ने अभियान के दौरान उत्पन्न होने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया शुरू करने की बात कही, ताकि भविष्य के ऑपरेशन अधिक सफल हो सकें। उन्होंने टीम भावना को नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता की कुंजी बताया और सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित तरीके से कार्रवाई करने के महत्व पर प्रकाश डाला। बैठक में कई वरिष्ठ पुलिस और सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहे।
