क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और अनधिकृत चिकित्सा पद्धतियों के कारण एक बार फिर एक निर्दोष की जान चली गई है। एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही का शिकार हुए एक नाबालिग बच्चे की कथित ओवरडोज इंजेक्शन के कारण मृत्यु हो गई। इस घटना ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
पीड़ित परिवार के मुताबिक, उनका बच्चा कुछ समय से बीमार था। उन्होंने किसी योग्य डॉक्टर की बजाय पास के एक झोलाछाप डॉक्टर पर भरोसा किया। डॉक्टर ने बच्चे को एक इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद बच्चे की तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। तमाम कोशिशों के बावजूद बच्चे को बचाया नहीं जा सका और उसकी जान चली गई।
इस दुखद घटना ने चिकित्सा जगत में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया है। ऐसे झोलाछाप डॉक्टर, जिनके पास चिकित्सा का कोई वैध प्रमाण पत्र नहीं होता, वे खुलेआम अपनी दुकानें चला रहे हैं और लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
यह घटना सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली पर भी सवाल उठाती है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में ऐसे अनधिकृत चिकित्सकों की मौजूदगी चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग को ऐसे अनाधिकृत चिकित्सकों के खिलाफ सख्त अभियान चलाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मरीजों को केवल योग्य और लाइसेंस प्राप्त डॉक्टरों से ही इलाज मिले। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाना आवश्यक है।
