झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा ली जाने वाली फीस को विनियमित करने वाले महत्वपूर्ण विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस मंजूरी से प्रदेश के हजारों छात्र-छात्राओं को राहत मिलने की उम्मीद है, जो निजी संस्थानों की ऊंची फीस के बोझ तले दबे हुए थे। यह नया कानून शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस विधेयक के प्रावधानों के तहत, निजी शिक्षण संस्थान अब मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। फीस संरचना को लेकर सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षा एक लाभकारी व्यवसाय न बनकर एक सेवा बनी रहे। राज्य सरकार ने इस विधेयक के माध्यम से अभिभावकों और छात्रों के हितों को सर्वोपरि रखा है।
राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद, यह कानून जल्द ही प्रभावी हो जाएगा। उम्मीद है कि इससे शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त असमानता कम होगी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अधिक छात्रों तक पहुंच पाएगी। यह पहल झारखंड में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने में सहायक सिद्ध होगी।
