रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा ‘बैल’ शब्द का प्रयोग कर की गई टिप्पणी पर भाजपा नेता आदित्य साहू ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। साहू, जो भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद हैं, ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान केवल एक व्यक्ति का अपमान नहीं, बल्कि लाखों मतदाताओं द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों और आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेताओं का अपमान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिस ‘बैल’ का जिक्र मुख्यमंत्री ने किया है, वह साधारण नहीं, बल्कि जनता की आवाज और शक्ति का प्रतीक है।
साहू ने कहा कि ‘बैल’ वास्तव में गांव, गरीब और किसान की रीढ़ है। यह लाखों लोगों के जीवनयापन का आधार है। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि कुछ लोग इसका इस्तेमाल करने के बाद इसके महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं और अपने अहंकार में चूर होकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज पूरा गांव, गरीब और किसान वर्ग उसी ‘बैल’ के साथ खड़ा है। जनता का गुस्सा अब उबल रहा है और वे एकजुट हैं। मुख्यमंत्री जिस पूर्व मुख्यमंत्री को ‘बैल’ कहकर संबोधित कर रहे हैं, वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं और वर्षों से सेवा कर रहे हैं।
भाजपा सांसद ने आगाह किया कि जनता इस अपमान का कड़ा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार को ‘बैल’ के प्रहार का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। साहू ने राज्य की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जनता अब लूटपाट, झूठ और भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा प्रणाली और मूलभूत सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब है। खनिज संपदा की लूट मची हुई है, जिससे राज्य का भारी नुकसान हो रहा है। युवा पीढ़ी में निराशा है, महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं, और यहां तक कि स्कूली छात्राएं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता ऐसे हालात से निपटने और राज्य को उबारने के लिए तैयार है।
