रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली हेमंत सोरेन सरकार पर आजसू पार्टी ने कड़ा प्रहार किया है। आजसू के महासचिव सह प्रवक्ता संजय मेहता ने आरोप लगाया है कि वर्तमान सरकार अपने कार्यकाल में जनता से किए एक भी बड़े वादे को पूरा करने में सफल नहीं रही है। उन्होंने कहा कि झामुमो सरकार ने न केवल झारखंड की जनता के साथ विश्वासघात किया है, बल्कि अपनी गंभीर विफलताओं के चलते वोट मांगने का सारा नैतिक आधार भी खो दिया है।
**वादों का पोल खोलते हुए, मेहता ने गिनाईं विफलताएं**
संजय मेहता ने एक-एक कर हेमंत सरकार की नाकामियों को जनता के सामने रखा। उन्होंने कहा कि नौकरी, नियोजन, विस्थापन, पुनर्वास, शिक्षा, कानून व्यवस्था और सामाजिक न्याय जैसे अहम मुद्दों पर यह सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है। “झारखंड की जनता ने भारी बहुमत से इस सरकार को चुना था, यह उम्मीद करते हुए कि उनके हितों की रक्षा होगी, लेकिन सरकार ने हर मोर्चे पर जनता को निराश किया है,” मेहता ने कहा।
**नौकरी, शिक्षा, आरक्षण: वादे हवा-हवाई**
मेहता ने सरकार के उन प्रमुख वादों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला जो आज तक पूरे नहीं हुए। नौकरी सृजन, स्थानीय युवाओं के लिए विशेष नीति, और निजी क्षेत्र में आरक्षण जैसे बड़े वादे हवा-हवाई साबित हुए। इसके अलावा, शिक्षकों की नियुक्ति, राज्य से पलायन को रोकने, परीक्षाओं में होने वाले पेपर लीक को रोकने में सरकार पूरी तरह असफल रही। संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा भी आज तक पूरा नहीं हुआ। मेहता ने यह भी सवाल उठाया कि पेसा कानून को लागू करने, सरना कोड को मान्यता देने और ओबीसी आरक्षण को प्रभावी ढंग से लागू करने जैसे आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार चुप्पी साधे हुए है।
**घाटशिला में झामुमो के पास नहीं कोई जवाब**
खास तौर पर घाटशिला विधानसभा उप-चुनाव का जिक्र करते हुए, संजय मेहता ने कहा कि इस क्षेत्र की जनता के सामने हेमंत सोरेन सरकार के पास गिनाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है, जिसके आधार पर वह वोट मांग सके। उन्होंने कहा, “घाटशिला के लोगों ने इस सरकार पर विश्वास किया था, लेकिन बदले में उन्हें मिले वादे और झूठी घोषणाएं। बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षा की गिरती गुणवत्ता और मूलभूत सुविधाओं की कमी ने लोगों को परेशान कर दिया है।“ ऐसे में, झामुमो और उसके सहयोगी दलों का घाटशिला उप-चुनाव में वोट मांगना पूरी तरह से अनैतिक है।
**भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर भी सवाल**
मेहता ने कहा कि “नौकरी नहीं तो बेरोजगारी भत्ता” का वादा भी सरकार पूरा नहीं कर पाई। युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिले। शिक्षा विभाग में पेपर लीक की घटनाओं ने सरकारी दावों की पोल खोल दी है। विस्थापितों के पुनर्वास की नीति अस्पष्ट है। राज्य में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं और कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अंचल कार्यालयों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
**जनता से एकजुट होने की अपील**
संजय मेहता ने झारखंड की जनता से आग्रह किया कि वे सरकार की इन विफलताओं को याद रखें और आने वाले चुनावों में इसका जवाब दें। उन्होंने कहा, “झारखंड की जनता अब और धोखेबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी। यह समय है कि जनता एकजुट होकर इस निकम्मी सरकार को सबक सिखाए।” आजसू पार्टी झारखंड के विकास, युवाओं के भविष्य, आदिवासी अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए लड़ने को प्रतिबद्ध है।
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