रांची: झारखंड की कृषि मंत्री ने हाल ही में एक प्रखंड कार्यालय का अप्रत्याशित दौरा किया, जिससे प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई। मंत्री के अचानक पहुंचने पर उन्होंने पाया कि महत्वपूर्ण पदों पर आसीन प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) और अंचल अधिकारी (सीओ) समेत कई कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर मौजूद नहीं थे।
इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्यालयों के कामकाज की जमीनी हकीकत को परखना था। मंत्री ने कार्यालय में फाइलों की स्थिति, जन शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया और विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लिया। कर्मचारियों की अनुपस्थिति को देखकर मंत्री ने चिंता व्यक्त की और इसे जनसेवा के प्रति उदासीनता का प्रतीक करार दिया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारी कर्मचारी जनता के सेवक हैं और उन्हें हर समय उपलब्ध रहना चाहिए। मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने तत्काल अनुपस्थित कर्मचारियों की सूची बनाने और उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए।
यह औचक निरीक्षण यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि सरकारी मशीनरी प्रभावी ढंग से काम करे और आम लोगों को समय पर सहायता मिले। उम्मीद है कि इस कार्रवाई से अन्य सरकारी कार्यालयों में भी कार्यप्रणाली में सुधार होगा।
