भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के जन्मोत्सव को जायसवाल समाज ने पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया। इस शुभ अवसर पर देशभर में विविध सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों ने समाज में एकता और सद्भावना का संचार किया। भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन, जिन्हें न्याय और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, उनकी जयंती समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह उत्सव न केवल उनकी वीरता का स्मरण कराता है, बल्कि सामाजिक बंधुत्व को भी मजबूत करता है।
जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में सुबह की प्रार्थना सभा, भजन-कीर्तन और विशेष आरती शामिल थे। इसके बाद, एक शानदार जुलूस निकाला गया, जिसमें पारंपरिक परिधान पहने लोगों ने भाग लिया। इस जुलूस में भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हुई आकर्षक झांकियां प्रस्तुत की गईं। समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने युवा पीढ़ी को उनके पूर्वजों की वीरता और नैतिक मूल्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं।
समाज की उन्नति के लिए इस वर्ष कई स्थानों पर निःशुल्क शिक्षा सामग्री वितरण और कौशल विकास कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया। सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन हेतु रक्तदान शिविरों ने भी विशेष महत्व प्राप्त किया। शाम को आयोजित भव्य सामूहिक भोज में सभी उपस्थित लोगों ने मिलकर प्रसाद का आनंद लिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने एकजुट होकर समाज के उत्थान में योगदान देने की प्रेरणा दी। भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम बनी।
