समस्त जायसवाल समाज द्वारा भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती का पावन पर्व बड़े ही श्रद्धाभाव और उल्लास के साथ मनाया गया। इस वार्षिक उत्सव में समाज के लोगों ने एकजुट होकर अपने आराध्य देव का स्मरण किया। शहर के प्रमुख जयंती स्थलों पर विशेष सज्जा की गई थी, जहाँ सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी।
जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोहों में भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया। समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने उनके आदर्शों और शिक्षाओं पर विस्तार से चर्चा की, जो आज भी प्रासंगिक हैं। बच्चों और महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया। संगीतमय प्रस्तुतियों और पारंपरिक लोकनृत्यों ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया।
यह जयंती केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस अवसर पर आयोजित सामूहिक भोज (भंडारा) में सभी ने प्रसाद ग्रहण किया और सामाजिक समरसता का अनुभव किया। जायसवाल समाज के सदस्यों ने इस पावन अवसर पर भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन से सभी के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। जयंती का समापन आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसने सभी को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान की।
