झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चाईबासा में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े एक बड़े मामले में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए सिविल सर्जन सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कड़ा कदम लापरवाही और अव्यवस्था के आरोपों के बाद उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि किसी भी स्तर पर कर्तव्यहीनता स्वीकार्य नहीं है। यह निलंबन सरकारी तंत्र में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने स्वयं इस मामले की समीक्षा की और अधिकारियों के जवाबों से असंतुष्ट होने के बाद यह निर्णय लिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए। यह कार्रवाई दर्शाती है कि हेमंत सोरेन सरकार आम जनता से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों को भी इस घटना से सबक लेने और अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की सलाह दी गई है। जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
Trending
- धमतरी में रिकॉर्ड रफ्तार से धान खरीदी
- रायपुर साहित्य उत्सव 2026
- ग्राफ्टेड बैंगन से बदली खेती की तस्वीर – खरसिया के किसान मुरलीधर साहू ने
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलम्पिक का शाब्दिक शुभारंभ किया
- रायपुर साहित्य उत्सव 2026
- झारखंड विधान सभा परिसर में मीडिया के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन।
- चाय बगान क्षेत्र के परिवारों की फरियाद लेकर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी तक पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
- राशि विवाद: मंत्री का पलटवार, ‘विपक्ष समय नहीं मांगता’
