कोडरमा जिले का विश्व प्रसिद्ध झुमरी तिलैया शहर, सामंता काली मंदिर में आयोजित भव्य मां काली पूजा के कारण एक बार फिर आस्था और उल्लास के रंग में डूब गया। हर साल की तरह इस वर्ष भी, मंदिर परिसर को आकर्षक रंगीन लाइटों से सजाया गया, जिसने भक्तों के मन को मोह लिया। यह पूजा आयोजन स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है और वे इसका बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं।
उत्पल सामंता, जो इस पूजा के आयोजकों में से एक हैं, ने इस मंदिर के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस मंदिर की स्थापना उनके दादा, स्वर्गीय गंगाधर सामंता, जो एक प्रसिद्ध अभ्रक व्यवसायी और समाजसेवी थे, ने वर्ष 1967 में की थी। तब से लेकर आज तक, यह मंदिर मां काली पूजा का साक्षी बना हुआ है, और यह 5 दशकों से भी अधिक समय से लगातार आयोजित की जा रही है। इस साल भी, पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए मां काली की पूजा और पवित्र हवन संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण आयोजन में भारी संख्या में भक्तों ने, जिनमें महिलाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय थी, भाग लेकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। मंदिर की ऐतिहासिक वास्तुकला और गरिमा आज भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। पूजा समारोह में उत्पल सामंता, इन्द्राणी सामंता, गौतम सामंता, डॉक्टर अभिजित राय, इन्द्रजीत सामंता, सोबेजीत सामंता, स्थानीय व्यापारी उदय कुमार, सोनी, विक्की चौधरी, तिवारी जी, अशोक कुमार वर्णवाल, गोपी कुमार, विदु कुमार, राजकुमार यादव सहित शहर के कई प्रतिष्ठित नागरिक मौजूद रहे।