जमशेदपुर के डीसी लाउंज प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की घटना को लेकर विधायक सरयू राय ने पुलिस पर हमलावरों को बचाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने एसएसपी को लिखे एक पत्र में इस पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है। विधायक के अनुसार, पुलिस की कार्रवाई संदिग्ध है और इससे कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।
विधायक सरयू राय ने पत्र में कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। उन्होंने जानना चाहा है कि बिष्टुपुर थाना प्रभारी देर रात साकची डीसी लाउंज क्यों पहुंचे, जबकि घटना के मुख्य हमलावर उसी दिन शाम को यहां पहुंचे थे और लोगों पर हमला किया था। क्या उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इसके लिए अनुमति ली थी? विधायक को यह भी पता लगाना है कि आखिर क्यों बिष्टुपुर के पुलिस पदाधिकारी गोपाल पांडेय, थाना प्रभारी से भी ज्यादा सक्रिय थे और उन्होंने एक छिपे हुए युवक को एक शिक्षिका के घर से निकालकर अपने साथ क्यों ले गए?
सरयू राय का कहना है कि साकची में हुई हिंसा और बिष्टुपुर में तोड़फोड़, दोनों घटनाएं एक ही हमलावर समूह की करतूत हैं। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि बिष्टुपुर थाना प्रभारी और गोपाल पांडेय साकची घटनास्थल पर सबूत मिटाने पहुंचे थे। विधायक के अनुसार, इस तरह के कृत्य से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या बिष्टुपुर डीसी लाउंज में हुई तोड़फोड़ की जांच निष्पक्ष हो पाएगी।
पत्र में आगे कहा गया है कि जिन हमलावरों की मोटरसाइकिलें साकची में छूट गई थीं, बिष्टुपुर थाना प्रभारी उन्हें छुड़ाने में मदद कर रहे थे। विधायक ने यह भी बताया कि एक थाना प्रभारी का कर्तव्य होता है कि वह ऐसी चीजों को जब्त करे, पूछताछ करे और उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज कराए। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके विपरीत, बिष्टुपुर थाना प्रभारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर न केवल वाहनों को हमलावरों को सौंपा, बल्कि एक आरोपी को भी अपने साथ ले गए। विधायक ने इसे कानून के रखवालों से उम्मीद के विपरीत और एक आपराधिक कृत्य करार दिया है।
विधायक ने प्रेस में छपी उन खबरों का भी जिक्र किया, जिसमें पुलिस अधीक्षक (नगर) ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी और हथियार बरामदगी को बड़ी सफलता बताया है। हालांकि, सरयू राय ने कहा कि उनके पास 13 अक्टूबर की शाम डीसी लाउंज, साकची के सामने हुई सुनियोजित मारपीट की सीसीटीवी और वीडियो फुटेज हैं। इन फुटेज में 30-40 युवकों का एक समूह, जिनमें से कई आरडी भट्टा लिखी स्पोर्ट्स जर्सी पहने थे, मारपीट करते साफ दिख रहे हैं।
विधायक ने बताया कि साकची के लोगों के विरोध करने पर हमलावर भाग गए थे और उनकी पांच मोटरसाइकिलें घटनास्थल पर छूट गई थीं। बाद में, वही समूह बिष्टुपुर के रामदास भट्टा स्थित डीसी लाउंज पहुंचा, जहां कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की। उन्होंने इस बात पर गंभीर चिंता जताई कि देर रात बिष्टुपुर थाना प्रभारी, गोपाल पांडेय और अन्य पुलिसकर्मी साकची डीसी लाउंज पहुंचे और हमलावरों को उनकी छूटी हुई मोटरसाइकिलें वापस कर दीं। वे तब तक वहीं डटे रहे जब तक कि एक युवक, जो शिक्षिका के घर में छिपा था, बाहर नहीं आ गया।
सरयू राय का मानना है कि पुलिस अधीक्षक (नगर) को उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी दी गई है, जिसके कारण उन्होंने जल्दबाजी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने एसएसपी से आग्रह किया है कि वे इस पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच करें, बिष्टुपुर थाना प्रभारी और गोपाल पांडेय से जवाब तलब करें और उनके आचरण की भी जांच की जाए। विधायक ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले को दबाया गया तो शहर में, विशेषकर रामदास भट्टा क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है।