बिहार विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही, झारखंड में प्रवर्तन एजेंसियों की चौकसी बढ़ा दी गई है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार ने राज्य की प्रमुख प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी एजेंसियां आपसी तालमेल से काम करें और बिहार की प्रवर्तन इकाइयों के साथ भी प्रभावी सहयोग सुनिश्चित करें। चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए, किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना सर्वोपरि है। बिहार में आदर्श आचार संहिता लागू है, जिसके चलते सीमावर्ती राज्यों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि झारखंड के 10 जिले सीधे बिहार से जुड़े हुए हैं। इसके मद्देनजर, सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। दोनों राज्यों की सीमाओं पर स्थापित मिरर चेकपोस्टों को पूरी तरह कार्यात्मक बनाया गया है, ताकि अवैध नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और अन्य प्रलोभनकारी वस्तुओं के परिवहन पर पैनी नज़र रखी जा सके। स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव संपन्न कराने के लिए, सीमावर्ती इलाकों में सघन निगरानी का आदेश दिया गया है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे संदिग्ध क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाएं, अवैध शराब निर्माण इकाइयों का भंडाफोड़ करें और जब्त की गई सामग्री के मूल स्रोत का पता लगाकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करें।