रांची में ‘आदिवासी हुंकार रैली’ का आगाज होने वाला है, जिसके मद्देनज़र रखते हुए देश भर से आदिवासी समुदाय के लोग राजधानी की ओर कूच कर रहे हैं। यह रैली सिर्फ एक जुटान नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व, उनकी गौरवशाली संस्कृति और उनके अनमोल अधिकारों की रक्षा के लिए एक शक्तिशाली आह्वान है। इस रैली में भाग लेने के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है।
इस महत्वपूर्ण आयोजन के माध्यम से आदिवासी समुदाय अपनी प्रमुख मांगों को सरकार के समक्ष रखना चाहता है। इनमें आदिवासियों के पारंपरिक संसाधनों, यानी जल, जंगल और जमीन पर उनका अधिकार सुनिश्चित करना सर्वोपरि है। साथ ही, आदिवासियों के विशिष्ट धार्मिक पहचान ‘सरना धर्म’ को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल करने और सरकारी नौकरियों में स्थानीय आदिवासियों के लिए आरक्षण को मजबूत करने की मांगें भी उठाई जाएंगी।
आयोजन स्थल, मोरहाबादी मैदान, रांची, को एक जनसैलाब के स्वागत के लिए तैयार किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए आदिवासी प्रतिनिधि, बुद्धिजीवी और आमजन इस रैली को सफल बनाने के लिए एकजुट हुए हैं। यह ‘आदिवासी हुंकार रैली’ निश्चित रूप से आदिवासियों की आवाज को एक नई शक्ति प्रदान करेगी और उनकी न्यायपूर्ण मांगों की ओर राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने में सहायक सिद्ध होगी।