अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई, स्तन कैंसर के इलाज में एक नई क्रांति लेकर आया है। यहाँ 53 वर्षीय एक मरीज़ का सफल रोबोटिक सहायता प्राप्त निप्पल-स्पेयरिंग मस्टेक्टॉमी और तत्काल ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन किया गया, जिसने मरीज़ के जीवन में उम्मीद की किरण जगाई है। इस जटिल सर्जरी के बाद, मरीज़ अगले ही दिन बिना किसी बड़ी परेशानी के अपने घर लौट गईं।
डॉ. नीता नायर, जो ब्रेस्ट-रोबोटिक सर्जरी विभाग की लीड कंसल्टेंट हैं, के अनुसार, इस रोबोटिक तकनीक का प्रमुख लक्ष्य कैंसर ग्रस्त ऊतकों को सटीकता से हटाना है, वहीं स्तन के प्राकृतिक रूप को यथासंभव बनाए रखना है। इस विधि में न्यूनतम चीरों का उपयोग किया जाता है, जिससे सर्जिकल निशान लगभग अदृश्य हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, मरीज़ों की रिकवरी बहुत तेज़ होती है और वे अपने शरीर को लेकर अधिक सहज महसूस करती हैं।
यह रोबोटिक मस्टेक्टॉमी, पारंपरिक ओपन सर्जरी की अपेक्षा, शरीर में कम आघात पहुँचाती है। इसमें ऊतकों का नुकसान और रक्तस्राव न्यूनतम होता है, जिससे दर्द का स्तर भी काफी कम रहता है। तत्काल पुनर्निर्माण की सुविधा मरीज़ों को स्तन खोने के भावनात्मक सदमे से उबरने में मदद करती है। यह तकनीक उन स्तन कैंसर मरीज़ों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है जिनका कैंसर शुरुआती अवस्था में है, और ट्यूमर निप्पल से थोड़ी दूरी पर है तथा त्वचा स्वस्थ है।
यह उन्नत सर्जिकल दृष्टिकोण दर्शाता है कि चिकित्सा विज्ञान में प्रगति से न केवल जीवन रक्षा संभव है, बल्कि मरीज़ों को एक गरिमापूर्ण और उच्च गुणवत्ता वाला जीवन जीने का अवसर भी मिलता है। स्तन कैंसर के उपचार के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।