गिरिडीह जिले को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। बुधवार को उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में नशा की तस्करी और खेती को रोकने के लिए एक जिला स्तरीय NCORD (नशीले पदार्थों की तस्करी एवं खेती की रोकथाम) समिति की बैठक हुई। इस बैठक में मादक पदार्थों के अवैध धंधेबाजों और नशीली फसलों की खेती पर लगाम लगाने के लिए विस्तृत रणनीति बनाई गई।
बैठक के दौरान, उपायुक्त ने विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग, सेवन और तस्करी के प्रमुख क्षेत्रों की पहचान कर उन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। संबंधित विभागों द्वारा नशीली दवाओं की समस्या से निपटने के लिए अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा भी की गई।
उपायुक्त ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि अफीम की खेती वाले इलाकों में सतर्कता बढ़ाएं। खेती को नष्ट करने के साथ-साथ अपराधियों को पकड़ने और उन पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं। औषधि निरीक्षकों को भी यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया कि नशे वाली दवाओं का स्टॉक और बिक्री की उचित रिपोर्ट रखी जाए और डॉक्टर के पर्चे के बिना ऐसी दवाएं न दी जाएं। झोलाछाप चिकित्सकों की अवैध गतिविधियों पर भी अंकुश लगाने की बात कही गई। बैठक में जिले के पुलिस व वन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।