रांची: झारखंड में अपराध की बढ़ती घटनाओं और अपराधियों के सिर पर चढ़ते ग्राफ को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष, बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर तीखे सवाल उठाए हैं। मरांडी का कहना है कि राज्य में अवैध वसूली ‘लेवी’ का कारोबार चरम पर है और अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम दहशत फैला रहे हैं। धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर से लेकर राजधानी रांची तक, एक ऐसे ही अपराधी के नाम पर वसूली का खेल चल रहा है, जो कथित तौर पर विदेश में छिपा बैठा है।
अपने हालिया जनसंपर्क के दौरान, मरांडी ने बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और अन्य इलाकों के लोगों से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें अपराधियों द्वारा परेशान किए जाने और उनसे की जा रही भारी-भरकम वसूली की आपबीती सुनाई। कई प्रतिष्ठित व्यापारियों ने भयवश अपना नाम बताए बिना खुलासा किया कि उनसे 5 से 10 करोड़ रुपये तक की मांग की गई है। इस भयावह स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब रांची के एक जाने-माने डॉक्टर को भी करोड़ों की फिरौती के लिए धमकी मिली है।
मरांडी ने सवाल किया कि क्या झारखंड में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई है? यह स्थिति राज्य सरकार की क्षमता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इच्छाशक्ति हो तो विदेश में बैठे अपराधी को भी पकड़ा जा सकता है। यदि प्रत्यक्ष रूप से पकड़ना संभव न हो, तो कम से कम राज्य में सक्रिय उसके सहयोगियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति दो बातें दर्शाती है: या तो यह सब मुख्यमंत्री और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों की शह पर हो रहा है, जिसमें वे अपनी पसंद के लोगों से वसूली और धमकी दिलवा रहे हैं। या फिर, राज्य सरकार और पुलिस इस आतंक के आगे इतने लाचार और कमजोर हैं कि वे कोई प्रभावी कदम उठाने में असमर्थ हैं। आज व्यापारी और डॉक्टर खौफ के माहौल में जी रहे हैं। मरांडी ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि अविलंब कार्रवाई कर अपराधियों को जेल में नहीं डाला गया, तो विपक्ष यह मानने को मजबूर होगा कि इस वसूली रैकेट में सरकार की पूरी मिलीभगत है।