पलामू जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के कर्मचारियों ने अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्थायीकरण की मांग तेज कर दी है। गुरुवार को मनरेगा कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने उप विकास आयुक्त (डीडीसी) से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में, संघ ने अनुरोध किया कि संविदा पर कार्यरत मनरेगा कर्मचारियों के स्थायीकरण के मुद्दे को गठित त्रिस्तरीय आंतरिक समिति के सामने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाए।
संघ के जिलाध्यक्ष, पंकज सिंह, ने डीडीसी को अवगत कराया कि मनरेगा कर्मी पिछले कई वर्षों से ग्रामीण भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि निष्ठापूर्वक सेवा करने के बावजूद, उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा न मिलने से उनका भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। श्री सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने जहां अन्य विभागों के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, वहीं मनरेगा कर्मचारियों को इस प्रक्रिया से वंचित रखा गया है, जिससे उनमें असंतोष व्याप्त है।
संघ के प्रदेश संयोजक, देवेंद्र उपाध्याय, ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मनरेगा कर्मचारियों की वर्षों से लंबित मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिला प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देगा और स्थायीकरण की दिशा में आवश्यक कदम उठाएगा।
प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कोई संतोषजनक निर्णय नहीं लिया जाता है, तो संघ को आगे की कार्रवाई और आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। बैठक में संघ के कई अन्य पदाधिकारी और सदस्य भी मौजूद रहे।