पश्चिम सिंहभूम में कुड़मी (महतो) समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के खिलाफ आदिवासी संगठनों और जन प्रतिनिधियों ने शनिवार को सोनुवा प्रखंड के कला एवं संस्कृति भवन में बैठक की। बैठक की अध्यक्षता उदय पुरती ने की।
बैठक में 12 अक्टूबर को गोईलकेरा में प्रस्तावित जनाक्रोश रैली की तारीख को बदलकर अब 18 अक्टूबर को सोनुवा प्रखंड मुख्यालय में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। यह बदलाव 14 अक्टूबर को वीर शहीद देवेंद्र माझी की शहादत दिवस पर गोईलकेरा में बड़े कार्यक्रम के कारण हुआ।
बैठक में आगामी रैली में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायत स्तर पर जनजागरण अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया। सभी ने रैली को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित करने का संकल्प लिया, लेकिन यह भी तय किया कि विरोध इतना मजबूत होगा कि सरकार और प्रशासन इसे अनदेखा नहीं कर पाएंगे।
आदिवासी समाज महासभा और आदिवासी समन्वय समिति के अध्यक्ष पातोर जोको ने कहा कि कुड़मी-महतो समुदाय को एसटी में शामिल करने का दावा इतिहास और तथ्यों से परे है। यह आदिवासी समाज की पहचान, अधिकारों और अस्मिता पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि यह विरोध सिर्फ विरोध नहीं है, बल्कि अपनी पहचान और भविष्य को बचाने का संकल्प है।
बैठक में यह भी तय हुआ कि आंदोलन पूरी तरह से अहिंसक रहेगा और समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल करने की कोशिश की जाएगी।
बैठक में डॉ. दिनेश चंद्र बोयपाई, महेंद्र जामुदा, गोविंदा जामुदा, केदारनाथ नायक, हेमंत सोरेन, गणेश चंद्र बोदरा, बुधलाल पूरती, मानोज नायक, जानकी हेम्ब्रोम, सुर्या बाहन्दा, सिद्धार्थ बोदरा, जयपाल हेम्ब्रोम सहित कई महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे।