पूर्वी सिंहभूम, झारखंड के बोड़ाम प्रखंड के बंगोई गांव के किसान निर्मल मोदक के बेटे शांतनु मोदक ने अपनी लगन और कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की है। उनकी कहानी बंगोई गांव से लेकर लंदन तक चर्चा का विषय बनी हुई है। शांतनु अब लंदन में पढ़ाई करेंगे, और झारखंड सरकार उनके सपने को पूरा कर रही है।
शांतनु मोदक को झारखंड सरकार से एक करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिली है, जिससे वह लंदन में उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे। वह लंदन के इंपीरियल कॉलेज और वारविक बिजनेस स्कूल में मास्टर इन बिजनेस एनालिटिक्स की पढ़ाई करेंगे। यह सफलता उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो आर्थिक समस्याओं के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं।
शांतनु के पिता निर्मल मोदक के तीन बच्चे हैं। शांतनु बचपन से ही पढ़ाई में होनहार थे। पिता ने उनकी पढ़ाई के लिए अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बेच दिया। शांतनु की मेहनत को तब फल मिला जब झारखंड सरकार ने उन्हें एक करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी।
शांतनु ने बोड़ाम हाई स्कूल से मैट्रिक पास किया। फिर जमशेदपुर में आगे की पढ़ाई की। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एनआईटी दुर्गापुर से एमटेक किया। वैज्ञानिक बनने का सपना देखने वाले शांतनु ने BARC और ISRO की परीक्षाओं में भी सफलता हासिल की, लेकिन उनका चयन नहीं हुआ।
बाद में, उन्होंने कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाया। उनका सपना वैश्विक स्तर पर पहचान बनाना था, और झारखंड सरकार की ‘ओवरसीज स्कॉलरशिप’ ने इसमें मदद की। अब वह लंदन में पढ़ाई करेंगे, जिसके लिए उन्हें झारखंड सरकार से एक करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है। इस योजना के तहत, अन्य छात्रों को भी छात्रवृत्ति मिली है।