झारखंड हाई कोर्ट में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे के एक मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर (राष्ट्रीय राजमार्ग) मनोज कुमार को फटकार लगाई। जज ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर से पूछा कि मुआवजा राशि पर आपत्ति जताने का उनका क्या अधिकार है और क्या उन्हें कमीशन चाहिए? जज ने सवाल किया कि उन्होंने अब तक कितना कमीशन लिया है। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है और राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जज ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पूरे देश में एक ही कानून चलता है, लेकिन क्या झारखंड में अलग कानून है? उन्होंने कहा कि यह जनता का पैसा है और इसे बर्बाद नहीं किया जा सकता। उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर पर प्रक्रिया का मजाक बनाने का आरोप लगाया।
जज ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर पर आरोप लगाया कि वे पूरी प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं और कमीशन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि उनके खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है। जज ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर से उनकी नौकरी के बारे में सवाल किया और पूछा कि क्या उन्हें झारखंड में कमीशन चाहिए। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने तुरंत माफी मांगी।
जज ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर को नसीहत दी कि उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में ही काम करना चाहिए और ‘भाई-भाई के बंटवारे में बंदर की तरह कूदने’ की जरूरत नहीं है। उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर से उनकी संपत्ति के बारे में भी पूछा और जांच कराने की बात कही। जज ने कहा कि यह पूरे देश में पहला मामला है, जो कमीशन के लिए किया जा रहा है।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कोर्ट में माफी मांगी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने एक हफ्ते का समय दिया। जज ने चेतावनी दी कि अगर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।