झारखंड सरकार ने राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 51 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया गया, जो राज्य के विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। बैठक में 37 नए मामलों और पहले खारिज किए गए 66 मामलों पर भी दोबारा विचार किया गया। रिहाई से पहले, कैदियों की उम्र, पारिवारिक और सामाजिक स्थिति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि रिहा होने वाले कैदियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जाए। 2019 से अब तक, राज्य में 619 कैदियों को रिहा किया जा चुका है, जिनमें से 470 को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
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