झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लिए पिछले दो वर्षों में कई झटके लगे हैं, जिससे पार्टी को भारी नुकसान हुआ है। रामदास सोरेन के निधन के बाद कोल्हान क्षेत्र में राजनीतिक स्थिति गंभीर हो गई है।
2024 के विधानसभा चुनाव में, चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद रामदास सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की थी। कोल्हान क्षेत्र में JMM का मजबूत गढ़ रहा है, लेकिन अगस्त 2025 में पार्टी के लिए दो बड़ी क्षति हुई।
4 अगस्त को शिबू सोरेन के निधन के बाद, 15 अगस्त को रामदास सोरेन का निधन हो गया। इन दो कद्दावर नेताओं के निधन से न केवल पार्टी, बल्कि राज्य भी शोक में डूबा हुआ है। अब सवाल उठता है कि कोल्हान की सियासत का नेतृत्व कौन करेगा?
कोल्हान में कई प्रमुख JMM नेता हैं, जो पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, जैसे जोबा मांझी, दीपक बिरुवा, समीर मोहंती, मंगल कालिंदी, निरल पूर्ति और सोनाराम सिंकू।
इससे पहले, 6 अप्रैल 2023 को जगन्नाथ महतो का निधन हुआ था, जो ‘टाइगर’ के नाम से जाने जाते थे। उनकी पत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाया गया, लेकिन 2024 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब रामदास सोरेन के निधन के बाद, उनकी राजनीतिक विरासत और कोल्हान की राजनीति पर इसके प्रभाव पर चर्चा हो रही है।