झारखंड में बन रहे रिम्स-टू, जो एशिया का सबसे बड़ा सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल होगा, के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। परियोजना की वित्तीय संरचना के बारे में जानकारी अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई। शेष राशि राज्य योजना से आवंटित की जाएगी। अस्पताल के डिजाइन और निर्माण का काम अंतिम चरण में है, और जल्द ही भूमिपूजन किया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से झारखंड न केवल पूर्वी भारत बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने दिल्ली के फरीदाबाद में स्थित अमृता अस्पताल का दौरा किया, ताकि अस्पताल की चिकित्सा पद्धतियों, प्रबंधन रणनीतियों और अनुसंधान पहलों का अध्ययन किया जा सके। इसके आधार पर रिम्स-टू, अमृता मॉडल के अनुसार बनाया जाएगा। अस्पताल में 2600 बिस्तरों की क्षमता होगी, जिसमें कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और ऑर्थोपेडिक्स सहित कई विशिष्ट सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसमें एक मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थान, डॉक्टरों के आवास, छात्रावास, एक स्टेडियम, एक अनुसंधान केंद्र और टेलीमेडिसिन इकाइयाँ भी शामिल होंगी, जो एक ही परिसर में पूर्ण उपचार और शैक्षिक संसाधन प्रदान करेंगी।
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