सिमडेगा कोर्ट ने बुधवार को एक बच्चे सहित चार लोगों की हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार सिन्हा ने इस मामले की सुनवाई की, जिसमें मुख्य आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई। दो अन्य व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा मिली। प्रत्येक दोषी पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अपराध पाकरटांड़ पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुआ था।
हत्याएं भूमि विवाद से शुरू हुईं। 17 मई, 2018 को, राकेश सोरेंग पाकरटांड़ के नॉनगढ़ा गोंदलीपानी में अपने घर पर थे। पुनीत सोरेंग, संजय सोरेंग और निर्मल सोरेंग ने उनसे संपर्क किया, जिसके परिणामस्वरूप भूमि स्वामित्व के संबंध में बहस हुई। नेस्टोर सोरेंग ने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया, लेकिन उस पर ‘टंगी’ से घातक हमला किया गया। हमलावरों ने फिर घर में घुसकर राकेश सोरेंग, उनकी पत्नी कारमेला सोरेंग और उनके पांच साल के बेटे फिलमोन सोरेंग की भी उसी हथियार से हत्या कर दी। घटना के बाद, पुलिस ने संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया।
मुकदमे के दौरान, अदालत ने लोक अभियोजक अमर चौधरी द्वारा प्रस्तुत सबूतों और गवाहों की गवाही पर विचार किया, जिसके कारण संजय सोरेंग, निर्मल सोरेंग और पुनीत सोरेंग को दोषी ठहराया गया। अदालत ने संजय सोरेंग को फांसी की सजा सुनाई, जबकि अन्य दो को आजीवन कारावास की सजा दी गई।