बिहार के पूर्णिया जिले में हाल ही में एक परिवार को जलाकर मारने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। लेकिन झारखंड राज्य में, जहां प्राकृतिक संपदा की कोई कमी नहीं है, डायन-बिसाही के नाम पर होने वाली हत्याएं एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। सरकार की जागरूकता और कानूनी प्रयासों के बावजूद, यह प्रथा अंधविश्वास, अशिक्षा और संपत्ति विवादों के कारण जारी है, जिसमें लोग अपने ही परिचितों पर डायन होने का आरोप लगाकर उनकी हत्या कर देते हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2000 से 2020 तक झारखंड में 590 लोगों की हत्या हुई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। लेकिन नागरिक समाज संगठनों का अनुमान है कि पिछले 20 वर्षों में 1800 से ज्यादा हत्याएं हुई हैं। पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, सिमडेगा और गुमला जिले इस भयावह प्रथा से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
अक्सर, ये हत्याएं डायन होने के आरोपों के कारण होती हैं। खूंटी जिले में ही, पिछले तीन वर्षों में सैकड़ों लोग इस प्रथा का शिकार हुए हैं। हाल ही में, पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक परिवार के चार सदस्यों की हत्या कर दी गई, जिसमें एक बच्चा भी शामिल था। एक अन्य घटना में, सियाकेल गांव में एक परिवार के तीन सदस्यों को उनके घर में घुसकर मार डाला गया।
इन घटनाओं में पीड़ितों को अक्सर क्रूर हिंसा का सामना करना पड़ता है, जिसमें धारदार हथियारों का इस्तेमाल और शवों को दूर-दराज के इलाकों में फेंकना शामिल है। कई मामलों में, पीड़ितों को उनके पड़ोसियों या रिश्तेदारों द्वारा मारा जाता है।
एक चौंकाने वाली घटना में, रांची में तीन महिलाओं को डायन होने के आरोप में मार दिया गया, जब एक ओझा ने गलत तरीके से एक बच्चे की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। 2023 में, लातेहार जिले में एक दंपति को काला जादू करने के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला गया। ऐसी ही कई घटनाओं में, लोगों को अंधविश्वास और झूठे आरोपों के कारण मारा गया है।
झारखंड में हो रही हत्याएं राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करती हैं। खूंटी में एक महिला की हत्या, जिस पर काला जादू करने का आरोप था, इस समस्या की गंभीरता को दर्शाती है। बुजुर्गों को भी निशाना बनाया गया है, जैसे कि 2023 में खूंटी में 65 वर्षीय व्यक्ति की हत्या।
यह भयावह प्रथा झारखंड के लिए एक अभिशाप बनी हुई है, और इसके खात्मे के लिए जागरूकता अभियान, कानूनी सुधारों और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता है।