राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भाकपा-माओवादी का कथित रूप से समर्थन करने के आरोप में रांची की एक अदालत में राजेश देवगम पर औपचारिक रूप से आरोप लगाया है। आरोप पत्र में देवगम पर कई अपराधों का आरोप है, जिसमें अवैध रूप से हथियार रखना, जबरन वसूली करना और प्रतिबंधित माओवादी समूह के सदस्यों को शरण देना शामिल है। मामला रांची की विशेष एनआईए अदालत में दायर किया गया था और यह झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में देवगम की गतिविधियों पर केंद्रित है। देवगम पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। मूल मामला, जिसकी जांच स्थानीय पुलिस ने की थी, उसमें मार्च 2024 में, एक प्रमुख भाकपा (माओवादी) व्यक्ति, मिसिर बेसरा से जुड़े पर्याप्त धन और आपत्तिजनक वस्तुओं की बरामदगी शामिल थी। जुलाई 2024 में शुरू हुई एनआईए की जांच में देवगम को आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देने में शामिल पाया गया। इसमें प्रतिबंधित संगठन की ओर से बैठकें आयोजित करना और ठेकेदारों और व्यवसाय मालिकों से धन इकट्ठा करना शामिल था।
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