हजारीबाग। झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार के नतीजों सफलता के कई रिकॉर्ड बनाए हैं, लेकिन इन सब से इतर इस बार के परिणामो ने उम्मीद,संघर्ष और बदलाव की नई कहानी लिखी है। हम बात कर रहे है बिरहोर जनजाति की दो बेटियों की जिसने मैट्रिक की परीक्षा पास कर इतिहास रचा है।
वहीं जिले के चौपारण प्रखंड के वन क्षेत्र में बसा एक छोटा सा गांव जमुनियातरी गुरुवार को खुशी से झूम रहा है। इस गांव से ताल्लुक रखने वाली आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय की दो बेटियों – किरण कुमारी (पिता- रोहन बिरहोर) और चानवा कुमारी (पिता- विष्णु बिरहोर) ने वो कर दिखाया है जो पहले कभी नहीं हुआ।
किरण कुमारी ने 409 अंक (करीब 80प्रतिशत) और चानवा ने 332 अंक (करीब 66प्रतिशत) लाकर न सिर्फ प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की,बल्कि अपने समुदाय के लिए एक उम्मीदों का मार्ग प्रशस्त किया है।
किरण कुमारी और चानवा दोनों छात्राएं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय चौपारण में पढ़ाई की है,यह विद्यालय उनके लिए महज शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि सपनों की बुनियाद थी,जो उन्हें अंधकार से उजाले की ओर ले गया। किरण और चानवा अब सिर्फ दो नाम नहीं रह गए हैं, बल्कि आदिम बिरहोर समुदाय के जैसे अन्य पिछड़े समाज के लोगों और लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। इन्हें देखकर अब वे बच्चे भी आगे पढ़ाई करने का संकल्प लेंगे। किरण और चानवा के मैट्रिक पास करने पर उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने दोनों बच्चियों को बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि वे दोनों अपने समाज में बदलाव की अग्रदूत बनेंगी।