मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है, जो आर्थिक विकास की नई इबारत लिख रहा है। एक समय पिछड़ने की छवि वाला यह प्रदेश अब ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और नवाचार का पर्याय बन गया है। राज्य सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति ने इसे भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में शामिल कर दिया है।
निवेशकों का भरोसा जीतने में योगी सरकार की ‘पारदर्शी और निर्भीक’ शासन प्रणाली का अहम योगदान रहा है। सुगम औद्योगिक नीतियां, त्वरित अनुमोदन प्रक्रियाएं और कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति ने प्रदेश को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है। सरकार ने विशेष रूप से AI, डीप-टेक, फिनटेक, एग्री-टेक और ड्रोन जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो उत्तर प्रदेश को तकनीकी और औद्योगिक नवाचार का केंद्र बनाएंगे।
इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में करीब 15 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश आकर्षित किया है। इस निवेश से प्रदेश के करीब 60 लाख नागरिकों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है और ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
आर्थिक मोर्चे पर, उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रगति की है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जो 12 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसी तरह, प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 43,000 रुपये से बढ़कर लगभग 1.20 लाख रुपये हो गई है। यह दर्शाता है कि राज्य के नागरिक बेहतर आर्थिक समृद्धि का अनुभव कर रहे हैं।
कृषि क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण सुधारों का गवाह बना है। बेहतर कृषि पद्धतियों, नई तकनीकों के उपयोग और किसानों के लिए लाभकारी योजनाओं ने कृषि विकास दर को 8% से 18% तक पहुंचा दिया है। स्वास्थ्य सेवाओं में भी राज्य ने बड़ा कदम उठाया है, जहां 81 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जो इसे भारत में मेडिकल शिक्षा के सबसे बड़े केंद्रों में से एक बनाते हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा, खासकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। 1 GW का सौर ऊर्जा संयंत्र इसकी हरित ऊर्जा की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ है, जो लगभग 2 करोड़ परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान कर रहा है। बेहतर ऋण सुविधाओं और उच्च ऋण-जमा अनुपात ने राज्य की आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा दिया है।
शासन, उद्योग, कृषि, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में किए गए सुधारों के माध्यम से उत्तर प्रदेश अपनी पहचान को लगातार बदल रहा है। यह राज्य अब भारत के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में खड़ा है, जो न केवल अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि स्थिरता और उज्ज्वल भविष्य के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार कर रहा है।
