विजय दिवस पर, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की विजय को याद किया जाता है। इस ऐतिहासिक युद्ध से जुड़ी कई स्मृतियाँ आज भी प्रासंगिक हैं। मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) लखविंदर सिंह, जो युद्ध के दौरान एक युवा कैप्टन थे, ने एक ऐसी व्यक्तिगत बातचीत का जिक्र किया है जो दुश्मन के एक सैनिक के मुँह से निकली थी और जिसने भारतीय सेना के अधिकारियों के प्रति उनके मन में गहरा सम्मान पैदा किया।
1971 के युद्ध के कुछ हफ़्ते बाद, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कुछ कम हुआ था, डेरा बाबा नानक सेक्टर में एक अनौपचारिक बैठक आयोजित की गई। कैप्टन सिंह, जो उस समय 23 वर्ष के थे, ने बताया कि उन्हें और उनकी टुकड़ी को पाकिस्तानी समकक्षों के साथ ईद की खुशियाँ मनाने के लिए भेजा गया था। इसी मुलाक़ात के दौरान, एक पाकिस्तानी सैनिक ने भारतीय तोपखाने की क्षमता पर टिप्पणी की और तब कैप्टन सिंह के बारे में पूछा।
जब उनसे पूछा गया कि वे भारतीय तोपखाने अधिकारी के बारे में क्यों जानना चाहते हैं, तो उन्होंने बताया कि भारतीय तोपखाने ने उनके ठिकानों को भारी नुकसान पहुँचाया था। इस पर, एक सैनिक ने जो बात कही, वह आज भी मेजर जनरल सिंह को याद है। उसने कहा, “अगर भारतीय अधिकारी और पाकिस्तानी सैनिक साथ आ जाएँ, तो दुनिया की कोई ताक़त हमें हरा नहीं सकती।”
मेजर जनरल सिंह के अनुसार, इस बयान ने भारतीय सेना की उस परंपरा को रेखांकित किया, जहाँ अधिकारी युद्ध के मैदान में सबसे आगे रहकर नेतृत्व करते हैं। यह वह गुण है जिसने दुश्मन को भी प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक बेहद बहादुर होते हैं, लेकिन यह बयान वाकई चौंकाने वाला था। यह पाकिस्तानी सेना में भारतीय अधिकारियों की छवि को दर्शाता है, जो शायद पीढ़ियों से चली आ रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि 1971 में, उन्होंने अग्रिम मोर्चों पर पाकिस्तानी JCOs और NCOs को ही ज़्यादातर लड़ते देखा था, जबकि भारतीय अधिकारी आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे थे। यह अनुभव उस पाकिस्तानी सैनिक के शब्द की सच्चाई को और पुख्ता करता है।
इस पर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहन भंडारी ने भी अपनी सहमति जताई। उनके अनुसार, भारतीय अधिकारी हमेशा आगे से नेतृत्व करते हैं, जबकि पाकिस्तानी अधिकारी अक्सर पीछे से आदेश देना पसंद करते हैं। इसी वजह से युद्धों में भारतीय अधिकारियों को ज़्यादा कुर्बानियाँ देनी पड़ती हैं, क्योंकि वे अपने जवानों की रक्षा के लिए जान की बाज़ी लगाने को तैयार रहते हैं।
