नई दिल्ली: 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत की याद में मनाए जाने वाले ‘विजय दिवस’ के अवसर पर, सेना मुख्यालय, दिल्ली में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। इस वर्ष के समारोह में ऑपरेशन सिंदूर की विजय को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिसमें युद्ध में इस्तेमाल किए गए प्रतिष्ठित हथियारों के नाम पर खास व्यंजन परोसे गए। यह पहल न केवल देशभक्ति की भावना को दर्शाती है, बल्कि उन शूरवीरों और उपकरणों को भी सम्मान देती है जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाई।
समारोह में ‘सिंदूरी संदेश’, ‘आकाश’, ‘बोफोर्स’ और ‘एल-70 एयर डिफेंस गन’ जैसे नाम वाले विविध प्रकार के व्यंजन आकर्षण का केंद्र रहे। इन हथियारों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया था और पाकिस्तानी सेना पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में भी कामयाब रहे थे। इस जीत की निशानी के तौर पर, एक जब्त किया गया पाकिस्तानी तुर्की ड्रोन भी कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित किया गया, जो भारतीय सैन्य शक्ति का एक अनूठा प्रतीक बना।
सेना ने इस अवसर पर स्वदेशी तकनीकों की क्षमता का भी प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में, भारतीय सेना ने अपनी नवीनतम AI-संचालित प्रणालियों और ड्रोन विश्लेषण तकनीकों का अनावरण किया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह प्रदर्शन सेना के आधुनिकीकरण, नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अतिरिक्त, बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले दुर्गम क्षेत्रों में भी काम करने वाले कॉम्पैक्ट, पोर्टेबल AI सिस्टम ‘AI-in-a-Box’ को भी प्रदर्शित किया गया, जो भारतीय सेना की सामरिक क्षमता को बढ़ाता है।
