जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में सोमवार शाम को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच एक भीषण मुठभेड़ छिड़ गई। यह घटना सोमवार शाम करीब 6 बजे तब हुई जब संयुक्त सुरक्षा दलों ने सोहन मरथा गांव में छिपे आतंकवादियों की तलाश के लिए एक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं।
सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ में शामिल आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) संगठन से जुड़े बताए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG), भारतीय सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की संयुक्त टीमें इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं। यह उधमपुर जिले में इस तरह की तीसरी बड़ी मुठभेड़ है।
व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने सोशल मीडिया पर अपडेट देते हुए पुष्टि की है कि खुफिया जानकारी के आधार पर चलाए जा रहे इस ऑपरेशन में सेना और एसओजी ने आतंकवादियों से संपर्क साधा है। उन्होंने बताया, “आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हुई है और ऑपरेशन अभी भी जारी है।”
जम्मू के IGP, भीम सेन टूटी ने भी एक्स पर इस बात की पुष्टि की कि जम्मू-कश्मीर पुलिस को मिली सटीक जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। एक अधिकारी के अनुसार, सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया है और आतंकवादियों को खत्म करने के लिए अतिरिक्त टुकड़ियों को मौके पर भेजा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के दो से तीन आतंकवादी सुरक्षा बलों से घिरे हुए हैं और रुक-रुक कर गोलीबारी का आदान-प्रदान जारी है।
सुरक्षा बल लगातार आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दे रहे हैं, जिनका उद्देश्य आतंकवादियों, उनके मददगारों और समर्थकों को निशाना बनाकर इस नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त करना है। इससे पहले 26 जून को, ब edecekुर के बेसंतगढ़ के घने जंगलों में हुई एक मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकवादी हैदर उर्फ मौलवी मारा गया था। हालांकि, खराब मौसम और दुर्गम इलाकों के कारण उसके तीन साथी भागने में सफल रहे थे। उधमपुर का बेसंतगढ़ क्षेत्र पहले भी कई बार सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच टकराव का गवाह रहा है।
