राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता चिंताजनक रूप से बिगड़ गई है। शनिवार को शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 387 पर पहुँच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है और इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा हो गए हैं। यह स्थिति ‘गंभीर’ श्रेणी के बहुत करीब है।
सप्ताह की शुरुआत से हीAQI में लगातार वृद्धि देखी गई है। मंगलवार को 282 के ‘खराब’ स्तर से बढ़कर यह गुरुवार को 307 और शुक्रवार को 349 तक पहुँच गया था।
18 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’
दिल्ली के 18 से अधिक इलाके ‘गंभीर’ वायु प्रदूषण की चपेट में हैं, जहां AQI 400 के पार चला गया है। इन स्थानों पर सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है।
जिन इलाकों में AQI 400 से ऊपर है, उनमें वज़ीरपुर (443), जहांगीरपुरी (439), विवेक विहार (437), रोहिणी (434), आनंद विहार (434), अशोक विहार (431), सोनिया विहार (427), डीटीयू (427), नरेला (425), बवाना (424), नेहरू नगर (421), पटपड़गंज (419), आईटीओ (417), पंजाबी बाग (416), मुंडका (415), बुराड़ी क्रॉसिंग (413), चांदनी चौक (412) और डीयू नॉर्थ कैंपस (401) प्रमुख हैं।
यह स्थिति बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय संकट और स्वास्थ्य आपातकाल का संकेत देती है।
सुबह के समय, शहर के कई हिस्सों में स्मॉग और धुंध के मिले-जुले असर ने दृश्यता को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है।
NCR पर भी मंडराया प्रदूषण का खतरा
दिल्ली से सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में भी वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बनी हुई है:
गाजियाबाद और नोएडा में AQI 422 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
वहीं, गुरुग्राम का AQI 295 और फरीदाबाद का 208 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आते हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, हवा की गति धीमी होने और वातावरण में नमी की अधिकता के कारण प्रदूषक कण जमीन के करीब ही बने हुए हैं और फैल नहीं पा रहे हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि जब तक हवा की गुणवत्ता सुधर न जाए, तब तक बाहरी गतिविधियों से बचें।
