भारतीय सेना अपनी युद्धक तैयारियों को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठा रही है। सेना ने 2,500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 120 किलोमीटर की मारक क्षमता वाले उन्नत पिनाका रॉकेटों को अपनी शस्त्रागार में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। यह पहल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की स्वदेशी हथियार प्रणालियों के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय, स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MLRS) को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, और पिनाका प्रणाली इस दिशा में एक प्रमुख उपलब्धि है। पिनाका, अपनी तेज गति और सटीक निशाना लगाने की क्षमता के लिए जाना जाता है, और अब 120 किमी की अतिरिक्त रेंज के साथ यह और भी घातक हो जाएगा।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इन 120 किमी स्ट्राइक रेंज वाले पिनाका रॉकेटों का विकास DRDO द्वारा किया जाएगा। आगामी दिनों में इनके प्रारंभिक परीक्षण होंगे, जिसके बाद उत्पादन के लिए ‘डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन पार्टनर्स’ का चयन बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
सेना का यह प्रस्ताव शीघ्र ही रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) के समक्ष अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे पिनाका लॉन्चर, जो 40 किमी और 75 किमी से अधिक दूरी पर लक्ष्य भेद सकते हैं, उन्हीं से इन नए 120 किमी रेंज वाले रॉकेटों को भी फायर किया जा सकेगा। इससे भारतीय सेना की लंबी दूरी की मारक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
सेना न केवल नई क्षमताओं को जोड़ रही है, बल्कि मौजूदा पिनाका रेजीमेंटों को भी मजबूत कर रही है। हाल ही में, इन रेजीमेंटों के लिए ‘एरिया डिनायल एम्युनिशन’ (ADM) की खरीद के लिए महत्वपूर्ण अनुबंध किए गए हैं। इससे पहले, रक्षा मंत्रालय ने पिनाका MLRS के लिए ‘एरिया डिनायल एम्युनिशन (ADM) टाइप-1 (DPICM)’ और ‘हाई एक्सप्लोसिव प्री फ्रैगमेंटेड (HEPF) Mk-1 (एन्हांस्ड)’ रॉकेटों की खरीद हेतु 10,147 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम (MLRS) एक उन्नत हथियार प्रणाली है जिसे DRDO ने विकसित किया है। यह अपनी तीव्र प्रतिक्रिया समय और सटीकता के लिए जाना जाता है, जो आधुनिक युद्धक्षेत्र में भारतीय सेना के लिए एक बड़ा लाभ है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस प्रणाली के भविष्य को लेकर उत्साह जताया है और कहा है कि लंबी दूरी के पिनाका संस्करणों के आने पर अन्य वैकल्पिक मिसाइलों की योजनाओं पर पुनर्विचार किया जा सकता है। पिनाका रॉकेट सिस्टम निर्यात बाजार में भी सफल रहा है, जिसे आर्मेनिया ने खरीदा है और कई अन्य देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं।
