भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय व्यापार वार्ता को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस महत्वपूर्ण बैठक में, दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और एक व्यापक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में सार्थक चर्चा की। इस दौरान, दोनों पक्षों ने भविष्य में “उद्देश्यपूर्ण और सकारात्मक जुड़ाव” बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर ने किया। यह उनकी नई भूमिका संभालने के बाद भारत की पहली आधिकारिक यात्रा थी। अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान, उन्होंने भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकातें कीं।
इन वार्ताओं ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों के व्यापक मुद्दों पर “उत्पादक आदान-प्रदान” के लिए एक मंच प्रदान किया। इसमें विशेष रूप से एक “आपसी लाभ” वाले द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए चल रही बातचीत पर ध्यान केंद्रित किया गया।
**व्यापारिक समझौते की ओर बढ़ते कदम**
यह वार्ता ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हुई है जब दोनों देश एक ऐसे व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं, जो भविष्य के आर्थिक सहयोग की नींव रखेगा। पिछले फरवरी में, दोनों देशों के नेताओं ने इस दिशा में बातचीत शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसका लक्ष्य 2025 के अंत तक पहले चरण को पूरा करना है। इस महत्वाकांक्षी समझौते के माध्यम से, 2030 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर से दोगुना से अधिक कर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
आंकड़े बताते हैं कि 2024-25 के वित्तीय वर्ष में अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का प्रमुख व्यापारिक भागीदार रहा। इस अवधि में कुल द्विपक्षीय व्यापार 131.84 बिलियन अमेरिकी डॉलर दर्ज किया गया, जिसमें भारत के निर्यात का हिस्सा 86.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
