जम्मू और कश्मीर पुलिस ने विदेशी आगंतुकों के विवरण की रिपोर्टिंग में लापरवाही बरतने वाले होटलों, गेस्ट हाउसों और हाउसबोट्स पर शिकंजा कसा है। एक चीनी नागरिक की वीज़ा नियमों के उल्लंघन और संदिग्ध गतिविधियों के चलते हुई गिरफ्तारी के बाद, कई प्रतिष्ठानों के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन पर अनिवार्य फॉर्म-सी को सही समय पर विदेशी पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) में जमा न करने का गंभीर आरोप है।
सभी होटल, होमस्टे और हाउसबोट संचालकों के लिए यह कानूनी आवश्यकता है कि वे अपने यहां ठहरने वाले प्रत्येक विदेशी मेहमान का विवरण, आगमन के 24 घंटे के भीतर, ऑनलाइन फॉर्म-सी के माध्यम से एफआरओ को प्रदान करें। यह प्रक्रिया विदेशी नागरिकों की सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
हाल ही में श्रीनगर और बुडगाम जिलों में बड़े पैमाने पर निरीक्षण अभियान चलाए गए। इन अभियानों के दौरान, राजबाग, ख bunlar, लाल बाजार, निशात, राम मुंशी बाग और हम्मामा जैसे क्षेत्रों में कई ऐसे प्रतिष्ठान पाए गए जहां विदेशी मेहमान ठहरे हुए थे, लेकिन उनका विवरण फॉर्म-सी के माध्यम से जमा नहीं किया गया था। कुछ मामलों में, जानकारी को जानबूझकर छुपाया भी गया था।
इस लापरवाही के चलते अब तक करीब छह प्रतिष्ठानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। विदेशी अधिनियम की धाराओं के तहत, यह एक दंडनीय अपराध है जिसमें गंभीर जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है।
जिन संपत्तियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें लाल बाजार का आईएमवाई होमस्टे, डल झील पर स्थित चार प्रसिद्ध हाउसबोट्स (फ्लोटिंग कैसल, बेस्ट व्यू, क्रिस्टल पैलेस, लेक पैलेस), निशात का एक निजी घर और राजबाग के होटल ब्लॉसम्स, होटल ग्रैंड एमएस, होटल गोल्डन फॉरेस्ट के साथ-साथ हम्मामा का रोज कॉटेज शामिल हैं। इन सबके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं।
पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि फॉर्म-सी जमा करने के नियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कश्मीर होटल एसोसिएशन ने भी अपने सदस्यों को इस संबंध में सतर्क रहने और सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करने की सलाह दी है।
एसोसिएशन के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक सरल प्रक्रिया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि किसी से गलती हुई है तो उसे एक मौका दिया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही सभी होटल संचालकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किसी भी विदेशी अतिथि को बिना उचित दस्तावेज़ों के न ठहराएं।
यह मामला तब सामने आया जब एक चीनी नागरिक, हू कोंगताई, जिसे पर्यटक वीज़ा मिला था, वीज़ा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के संवेदनशील इलाकों में घूमता पाया गया। उसके वीज़ा पर केवल कुछ विशिष्ट स्थानों की यात्रा की अनुमति थी।
उसकी यात्राओं में लद्दाख और कश्मीर के कई महत्वपूर्ण और सामरिक रूप से संवेदनशील स्थान शामिल थे, जिनके लिए उसके पास कोई विशेष अनुमति नहीं थी। उसके मोबाइल फोन की जांच में सीआरपीएफ की तैनाती और अनुच्छेद 370 जैसे संवेदनशील विषयों से संबंधित जानकारी मिलने पर खुफिया एजेंसियों ने उसे हिरासत में लिया।
पूछताछ के बाद, हू कोंगताई को वीज़ा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में श्रीनगर से दिल्ली निर्वासित कर दिया गया है, जहां से उसे उसके गृह देश हांगकांग भेजा जाएगा।
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने एक बार फिर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि विदेशी नागरिकों को ठहराने वाले सभी मकान मालिक और होटल व्यवसायी फॉर्म-सी जमा करने के नियमों का सख्ती से पालन करें, अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
